- इंसुलिन: इंसुलिन हार्मोन शरीर में खाने से ग्लूकोज के उपयोग को नियंत्रित करता है। जब इंसुलिन के स्तर अधिक होते हैं, तो यह वजन बढ़ा सकता है। आप अपने इंसुलिन स्तर को कंट्रोल करने के लिए निम्नलिखित कार्रवाई ले सकते हैं:
- कार्बोहाइड्रेट और शक्कर के सेवन को सीमित करें।
- सेवन करें पूरे अनैमिय अनाज और पूरे अनाजों के प्रोटीन जैसे कि दाल, मूंगफली, सोया आदि को अधिक करें।
- व्यायाम करें और उच्च अंतराल योगाभ्यास करें।
2. घ्रेलिन: घ्रेलिन एक खुराक हार्मोन होता है जो आपको भूख लगाने के लिए प्रेरित करता है। यदि आपके घ्रेलिन हार्मोन के स्तर अधिक होते हैं, तो आप अधिक खाने का इच्छुक हो सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
- नियमित खाने का समय बनाएं और अच्छी गुणवत्ता वाले भोजन पर ध्यान दें।
- प्राकृतिक और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें।
- पर्याप्त सोने का पूरा ध्यान रखें।
3. लेप्तिन: लेप्टिन आपको बताता है कि आपका पेट भर चुका है और आपको भोजन करने की जरूरत नहीं है। जब लेप्टिन स्तर कम होता है, तो आपकी भूख बढ़ सकती है। निम्नलिखित उपाय आपके लेप्टिन स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं:
- पूरी नींद लें और तनाव को कंट्रोल करें।
- वातावरण में उचित समय बिताएं और पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी का आनंद लें।
- अधिक प्रोटीन और पौष्टिक तत्वों को शामिल करें।
4. कॉर्टिसोल: कॉर्टिसोल या स्ट्रेस हार्मोन अधिक मात्रा में उत्पन्न होने पर वजन बढ़ाने का कारण बन सकता है। कुछ उपाय आपके कॉर्टिसोल स्तर को कम करने में सहायता कर सकते हैं:
- समय प्रबंधन और स्ट्रेस प्रबंधन के तकनीक सीखें, जैसे कि मेडिटेशन, योग और शारीरिक व्यायाम।
- नियमित व्यायाम करें और नींद पूरी करें।
- मनोरंजन गतिविधियों को शामिल करें और समय निकालें अपनी पसंदीदा गतिविधियों के लिए।
ध्यान दें कि ये केवल सामान्य सुझाव हैं और आपकी वजन बढ़ाने के पीछे अन्य कारण भी हो सकते हैं। यदि आपका वजन बहुत तेजी से बढ़ रहा है या आपको चिंता है, तो बेहतर होगा कि आप एक विशेषज्ञ, जैसे कि डॉक्टर या नैदानिक, से परामर्श करें।