पुरुषों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) क्यों होता है? जानें इसके 5 कारण

 पुरुषों में यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) कारणों की वजह से हो सकता है। यहां इसके पांच मुख्य कारण हैं:


1. संतुलित रूप से सफाई नहीं करना: यदि पुरुष यूरिनरी ट्रैक्ट को सही ढंग से साफ नहीं करता है, तो यह इंफेक्शन के लिए एक माध्यम बन सकता है। अगर यूरिन का निरापत्ता सही ढंग से नहीं होता है, तो इंफेक्शन के कारण आपके शरीर में बैक्टीरिया इकट्ठा हो सकते हैं।

2. संभोग में संक्रमण के लक्षण: यदि आपका संभोगी UTI संक्रमित है, तो आप इसे भी हो सकता हैं। विषाणु संक्रमण (सीआरएसआई) जो यौन माध्यम से प्रसारित होता है, यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन का कारण बन सकता है।

3. प्रोस्टेट इंफेक्शन: पुरुषों में प्रोस्टेट इंफेक्शन भी UTI का कारण बन सकता है। प्रोस्टेट ग्रंथि इंफेक्शन के कारण शरीर की सुरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और बैक्टीरिया यूरिनरी ट्रैक्ट में प्रवेश कर सकते हैं।

4. संग्रहणशील निर्माण: कई बार पुरुषों के शरीर में संग्रहणशील निर्माण होता है, जिसमें यूरिन स्टाग्नेशन (निर्माण ठहराव) होता है। यदि इस ठहराव में बैक्टीरिया बढ़ते हैं, तो यह यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन का कारण बन सकता है।

5. यूरिनरी कठोरता: अगर पुरुषों की यूरिन में कठोरता होती है, तो यह उच्च कैल्शियम या मूल्यवान खाद्य पदार्थों की खपत के कारण हो सकता है। इस कठोरता के कारण बैक्टीरिया आसानी से यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन पैदा कर सकते हैं।


पुरुषों में यूटीआई के कारण- Urinary Tract Infection in Men Causes in Hindi

1. डिहाइड्रेशन

हां, डिहाइड्रेशन यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का एक मुख्य कारण हो सकता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं होती है, तो यूरिन बहुत ज्यादा संक्रमित हो सकता है। पानी की कमी से यूरिन में अधिक कंसन्ट्रेटेड हो जाता है और बैक्टीरिया आसानी से इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं। यदि शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलती है, तो यूरिनरी ट्रैक्ट को स्वच्छ और स्वस्थ रखना मुश्किल हो सकता है।

इसलिए, सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और डिहाइड्रेशन से बचें। रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं और ज्यादा पानी पिने की आदत बनाएं। यदि आप ज्यादा गतिविधियों, तापमान के बढ़ने, शारीरिक प्रयास के दौरान या अन्य कारणों से पसीना बहुत ज्यादा खो रहे हैं, तो अपने पानी की मात्रा को और बढ़ाएं। डिहाइड्रेशन से बचना UTI जैसी इंफेक्शनों के रिस्क को कम कर सकता है।

 

2. फाइमोसिस 

फाइमोसिस यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है, लेकिन यह अधिकांश रूप में पुरुषों के लिए असामान्य है। फाइमोसिस एक स्थिति है जिसमें पुरुषों के प्राइमरी योनि (फ्रेनलम स्ट्रक्चर) की खाल में संक्रमण या सूजन होती है। यह स्थिति आमतौर पर योनि के चरम ढिलापन या तंत्रिका तनाव की वजह से हो सकती है।

फाइमोसिस के कुछ कारण हैं जो UTI के विकास का कारण बन सकते हैं:

  • अव्यवस्थित सफाई: अगर योनि क्षेत्र को सही ढंग से साफ नहीं किया जाता है, तो बैक्टीरिया और अन्य संक्रमक तत्व इस क्षेत्र में इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं।
  • अवयवीय रोगों की संक्रमण: कई रोगों जैसे कि डायबीटीज, एचआईवी/एड्स, शरीरिक प्रतिरक्षा प्रणाली की कमजोरी या इम्यूनोसप्रेसेन्ट दवाओं का उपयोग करने के कारण पुरुषों को संक्रमण का अधिक खतरा हो सकता है। इससे UTI के विकास का जोखिम बढ़ सकता है।
  • संभोग में संक्रमण के लक्षण: अगर आपका संभोगी यूरिनरी संक्रमित है, तो यह UTI का कारण बन सकता है। यदि संभोग के दौरान बैक्टीरिया योनि क्षेत्र में प्रवेश करते हैं, तो इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  • अनुभवहीन प्रशिक्षण: यदि पुरुष योनि क्षेत्र को सही ढंग से साफ नहीं करता है या अनुभवहीन है, तो फाइमोसिस और UTI का जोखिम बढ़ सकता है।

यदि आपको फाइमोसिस या UTI के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए ताकि सही निदान और उपचार दिया जा सके।

 

3. असुरक्षित यौन संबंध

असुरक्षित यौन संबंध (Unsafe Sexual Practices) यौन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं और यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का एक कारण बन सकते हैं। यहां असुरक्षित यौन संबंध के कुछ कारण दिए जाते हैं:

  • अविश्वसनीय साथी: अगर आपके साथी का स्वास्थ्य अविश्वसनीय है या आप उनके स्वास्थ्य स्थिति को नहीं जानते हैं, तो UTI का जोखिम बढ़ सकता है। जब आप असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, तो बैक्टीरिया यौन संचार के माध्यम से आपके योनि और यूरीनरी ट्रैक्ट में प्रवेश कर सकते हैं।
  • संक्रमित संपर्क: यदि आप असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, तो संक्रमित संपर्क से आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। यह बैक्टीरिया और वायरस के संचार के कारण हो सकता है, जो UTI का कारण बन सकते हैं।
  • अविशोधित यौन सामग्री का उपयोग: असुरक्षित यौन संबंध में, अविशोधित यौन सामग्री का उपयोग किया जाता है, जैसे कि अविशोधित कंडोम या यौन उपकरण। ऐसे सामग्री का उपयोग करने से बैक्टीरिया और अन्य संक्रमकारी अणु आसानी से प्रवेश कर सकते हैं और UTI का कारण बन सकते हैं।
  • अविस्मरण की स्थिति: अविस्मरण (अन्य शब्दों में, ब्लैकआउट या अनयाग्रदता) की स्थिति में, यौन संबंध बनाने के दौरान सुरक्षा के उपाय नहीं लिए जा सकते हैं, जिससे आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण हो सकता है।
  • अस्वच्छता: यदि यौन संबंध के दौरान स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता है, तो यह UTI का कारण बन सकता है। अगर आप योनि क्षेत्र को सही ढंग से साफ नहीं करते हैं, तो बैक्टीरिया आसानी से प्रवेश कर सकते हैं और संक्रमण का कारण बन सकते हैं।

यौन स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने के लिए, सुरक्षित यौन संबंध, स्वच्छता और संक्रमण से बचाव के उपायों का पालन करना आवश्यक है। विशेषज्ञ सलाह लेना और संबंधित स्क्रीनिंग और टेस्ट करवाना भी महत्वपूर्ण है।

 

4. न्यूरोजेनिक ब्लैडर

न्यूरोजेनिक ब्लैडर (Neurogenic Bladder) एक स्थिति है जहाँ मूत्राशय के संचालन और नियंत्रण में कमी होती है, जो न्यूरोलॉजिकल (न्यूरोलॉजी से संबंधित) विकार या चोट के कारण हो सकती है। यह स्थिति पुरुषों में भी हो सकती है।

न्यूरोजेनिक ब्लैडर के कारणों में शामिल हो सकते हैं:

  • स्पाइनल कॉर्ड इंजरी: स्पाइनल कॉर्ड के घातक चोट, कटाव या संक्रमण के कारण न्यूरोजेनिक ब्लैडर की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। यह चोट उच्च स्तर का प्रभाव डालती है जो मूत्राशय के नियंत्रण पर असर डालता है।
  • न्यूरोलॉजिकल विकार: कुछ न्यूरोलॉजिकल विकार जैसे कि स्पास्टिक पैराप्लेजिया, पार्किंसन रोग, मल्टिपल स्क्लेरोसिस आदि मूत्राशय के संचालन में कमी का कारण बन सकते हैं। ये स्थितियाँ न्यूरोलॉजिकल संबंधित विकार के कारण हो सकती हैं।
  • डायबीटीज: डायबीटीज भी न्यूरोजेनिक ब्लैडर का कारण बन सकता है। उच्च रक्त शर्करा स्तर डायबीटिक न्यूरोपाथी का कारण बनता है, जिससे मूत्राशय के संचालन में कमी हो सकती है।
  • अन्य कारण: कुछ अन्य कारण न्यूरोजेनिक ब्लैडर की स्थिति में सम्मिलित हो सकते हैं, जैसे कि आदिभौतिक अवसाद, मस्तिष्क की चोट या संक्रमण, न्यूरोफाइब्रोमातोसिस, और कुछ दवाओं का उपयोग जो मूत्राशय के संचालन पर प्रभाव डाल सकती हैं।

न्यूरोजेनिक ब्लैडर के लिए उपचार चिकित्सक द्वारा किया जाना चाहिए। उपचार के माध्यम से मूत्राशय के संचालन को सुधारा जा सकता है और इससे UTI के आवेदन का जोखिम भी कम हो सकता है।


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