नवजात शिशु को जन्म के कुछ ही समय बाद विटामिन K की आवश्यकता होती है। विटामिन K एक जरूरी पोषक तत्व है जो रक्तस्राव को ठीक तरीके से जमने में मदद करता है। यह शिशु को रक्तस्राव से जुड़ी एक बाधा, जिसे विटामिन K उपविष्टि नाम से जाना जाता है, से बचाने में मदद करता है।
शिशु के शरीर में पैदा होने के बाद, उसके श्वसन नलिकाओं का प्रयास आरंभ होता है और इससे शिशु के श्वसन प्रणाली में ऑक्सीजन आता है। इस प्रक्रिया में विटामिन K रक्तस्राव में प्रमुख भूमिका निभाता है। यह विटामिन शिशु के श्वसन प्रणाली की गतिशीलता को बढ़ाने में मदद करता है और शिशु के लिए उच्च रक्तस्राव सुनिश्चित करता है।
विटामिन K का महत्वपूर्ण उपयोग यह भी है कि यह शिशु को ब्लीडिंग रोकने में मदद करता है। नवजात शिशु की रक्तस्राव प्रणाली शुरुआती दिनों में अधिक संवेदनशील होती है और छोटी चोटों से बहुत आसानी से ब्लीड कर सकती है। विटामिन K शिशु के शरीर में इस प्रकार के अनर्थपूर्ण ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है और संबंधित खतरों को कम करता है।
इन कारणों से नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद विटामिन K का प्रबंधन किया जाता है, जिससे उसे रक्तस्राव के नियमितीकरण और ब्लीडिंग के खतरे से बचाया जा सके।
विटामिन के की कमी से ब्लीडिंग में क्या होता है?
What is Meaning Vitamin K Deficiency Bleeding In Infants in Hindi
विटामिन K की कमी से नवजात शिशु में "विटामिन K की कमी से ब्लीडिंग" (Vitamin K Deficiency
Bleeding) हो सकती है। यह एक गंभीर स्थिति है जिसे नवजात शिशु में होने वाली ब्लीडिंग की वजह से चिढ़ा है। यह ब्लीडिंग शिशु के शरीर के अलग-अलग हिस्सों में हो सकती है, जैसे गुट्ठी के आसपास, नाक, गला, आंत या ब्रेन (सिर) में।
यह कमी नवजात शिशु को जन्म के समय विटामिन K की पर्याप्त मात्रा की अभाव से हो सकती है। इसके अलावा, कुछ और कारण भी हो सकते हैं जो विटामिन K की सही तरह से संशोधित नहीं करते हैं, जैसे कि शिशु के शरीर में विटामिन K की अभिक्षमता या अशोधित पथरी के कारण इसे प्राप्त नहीं कर पाना।
विटामिन K की कमी से ब्लीडिंग का मतलब है कि शिशु के शरीर में रक्तस्राव को संयमित रूप से जमने की क्षमता कम हो जाती है, जिससे शिशु को आंतरिक या बाह्य रूप से ब्लीडिंग हो सकती है। यह आंतरिक या बाह्य ब्लीडिंग जीवनसंगत हो सकती है और असामयिक रक्तस्राव की वजह से शिशु की स्थिति गंभीर हो सकती है।
अगर नवजात शिशु में विटामिन K की कमी की संभावना होती है, तो चिकित्सक विटामिन K के सुप्लीमेंट्स का उपयोग कर सकते हैं ताकि शिशु को ब्लीडिंग की संभावना से बचाया जा सके।
शिशुओं में विटामिन के की कमी के कितने प्रकार होते हैं?
3 Type Of Vitamin K Deficiency In Kids In Hindi
शिशुओं में विटामिन के की कमी के तीन प्रकार हो सकते हैं। ये प्रकार हैं:
Early Vitamin K Deficiency Bleeding
(VKDB) या शिशुओं में प्रारंभिक विटामिन के की कमी से ब्लीडिंग: यह शिशु के पैदा होने के कुछ ही समय बाद होती है, आमतौर पर पहले सप्ताह में। इसका कारण हो सकता है जब नवजात शिशु विटामिन K की पर्याप्त मात्रा की अभाव से जन्मता है, जो उसे ब्लीडिंग की संभावना से प्रभावित करता है।
Classical Vitamin K Deficiency Bleeding
(VKDB) या पारंपरिक विटामिन के की कमी से ब्लीडिंग: यह बीमारी तब होती है जब शिशु नवजातता की अवधि के दौरान विटामिन K की संपूर्ण आपूर्ति के लिए अपने शरीर के भंडार को पूरी तरह से खत्म कर लेता है। इस प्रकार की कमी बालों की जड़ों, नाखूनों, दांतों, आंत की ऊतकों, या अन्य शरीर के भागों में ब्लीडिंग का कारण बन सकती है। यह साधारणतया 2 से 12 महीनों की आयु तक हो सकती है।
Late Vitamin K Deficiency Bleeding
(VKDB) या देरी से होने वाली विटामिन के की कमी से ब्लीडिंग:
क्या शिशु को विटामिन के देना सुरक्षित है?
Is It Safe To Give Vitamin K Vaccine To Baby In Hindi
हाँ, नवजात शिशु को विटामिन K टीका देना सुरक्षित माना जाता है। नवजात शिशु को जन्म के कुछ समय बाद विटामिन K की आवश्यकता होती है और इसे टीका के रूप में दिया जाता है। यह टीका उसे विटामिन K की पर्याप्त मात्रा प्रदान करता है, जिससे उसे ब्लीडिंग की संभावना से बचाया जा सकता है।
विटामिन K टीका अक्सर जन्म के कुछ घंटों के अंदर दिया जाता है और इसे शिशु की जांच के साथ-साथ अस्पताल में ही दिया जाता है। यह टीका आमतौर पर इंजेक्शन के रूप में दी जाती है, जो सुरक्षित और प्रभावी है। इसे शिशु की नाभि के निकट या अन्य संभावित स्थान पर दिया जाता है।
विटामिन K टीका को देने से संबंधित किसी भी संकेत या समस्या की संभावना बहुत कम होती है, और इसे आमतौर पर अच्छी तरह से सहन किया जाता है। यदि आपके पास इस बारे में कोई संदेह है, तो आपको अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।