क्या आपका बच्चा भी नींद में बोलता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

 


नींद में बोलना बच्चों के बीच काफी सामान्य होता है और इसे सोमनबुलिस्म (Sleep Talking) के नाम से जाना जाता है। सोमनबुलिस्म एक प्रकार का स्वप्न अवस्था है जिसमें बच्चा नींद के दौरान बोलता है, हांगकाम (Sleepwalking) कर सकता है या अन्य नींद के संबंधित गतिविधियों को कर सकता है।

इसके कारण कई मामलों में अभिभावकों को गलतफहमी हो जाती है कि बच्चा नींद में सच बोल रहा है या कुछ अच्छा या बुरा देख रहा है। हालांकि, वास्तविकता यह है कि सोमनबुलिस्म के समय बच्चा नींद में ही होता है और उसे इसकी कोई ज्ञानक्रिया नहीं होती है। उनके बोलने का कोई अर्थ नहीं होता और वे इसे बाद में याद नहीं करते हैं।

सोमनबुलिस्म का बचाव करने के लिए निम्नलिखित उपायों का ध्यान रखा जा सकता है:

सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को पर्याप्त नींद मिलती है। नींद की अवधि की आवश्यकता बच्चे की आयु और व्यक्तिगतता पर निर्भर करेगी।


बच्चे को नींद के लिए सुरमा करना सहायता प्रदान कर सकता है। सुरमा बच्चे की नींद को गहरी और स्थिर बनाने में मदद करता है।


सुनिश्चित करें कि उनके आस-पास कोई खतरनाक चीजें नहीं हैं जिनके चलते उन्हें चोट लग सकती है।

उनके कमरे को सुरक्षित बनाए रखें। अगर वो रेलिंग या आवरण के साथ लकड़ी के बिस्तर पर सो रहे हैं, तो इसे पर्याप्त रूप से लगाये रखें ताकि वे छतरी से नीचे नहीं गिरें।


संगठनित और शांत माहौल में रखें। नींद के लिए सुरमा लगाने से पहले, शांत माहौल और वातावरण तैयार करें ताकि उन्हें धीरे-धीरे सुलाने में सहायता मिल सके।


अगर सोमनबुलिस्म काफी आधिकारिक और असामान्य हो रही है और बच्चे को खतरा हो सकता है, तो एक चिकित्सक से परामर्श करना सुझावित होगा।


सोमनबुलिस्म की अवस्था अक्सर बच्चों के साथ उभरती है और वे सामान्यतः जब उनकी बचपन की अवधि आदा हो जाती है, तो यह समस्या स्वतः ही ठीक हो जाती है।


 

बच्चों को नींद में बोलने की आदत को कैसे कम करें? How To Deal With Sleep Talking In Child In Hindi


बच्चों के नींद में बोलने की आदत को कम करने के लिए निम्नलिखित उपायों का ध्यान रखा जा सकता है:


नींद का समय और पर्याप्त नींद की आवश्यकता को सुनिश्चित करें: आपके बच्चे को नियमित नींद का समय दें और पर्याप्त नींद की अवधि दें। स्वस्थ और धीमी नींद उनकी बोलने की आदत को कम कर सकती है।


सुनिश्चित करें कि उनके आस-पास शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल हो: उनके कमरे को ऐसे सजाएं जिससे उनकी नींद में बोलने की आदत कम हो सके। यदि उनके कमरे में ध्वनि, प्रकाश या अन्य तत्व हैं जो उनकी नींद को विचलित कर सकते हैं, तो इन्हें हटा दें।


उन्हें धीरे-धीरे सोने के लिए तैयार करें: उन्हें सोने से पहले शांत माहौल में लाएं। धीरे-धीरे कार्यक्रम को अंत करें और उन्हें रात को सुलाने के लिए सक्रिय नहीं रखें।


उनकी स्वप्न दशा के लिए पार्टनर को जागरूक रखें: यदि आपका बच्चा नींद में अचानक बोलने लगता है, तो आपको जगह लेने और सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि वे नींद में कोई अवरोध नहीं पाएं।


चिंता और तनाव को कमकरें: बच्चों के लिए तनाव या चिंता की स्थिति बोलने की आदत को बढ़ा सकती है। उन्हें रात में ध्यानाभ्यास, सुनना या विश्राम करने की तकनीकें सिखाएं ताकि उनका तनाव कम हो सके।


यदि ये उपायों के बावजूद बच्चे की नींद में बोलने की आदत प्रभावित रहती है और आपको चिंता होती है, तो एक चिकित्सक से परामर्श करना उचित होगा। वे आपको सही मार्गदर्शन देंगे और आपके बच्चे की स्थिति को निर्धारित करने में मदद करेंगे।


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